शनिवार, 24 दिसंबर 2022

फतेहगढ़ करणी माता मंदिर का इतिहास fatehgarh ke Karni Mata Mandir KaItihash

 





ये फतेहगढ़ का किला है जो सूरत सिंह राजा बीकानेर ने बनाया था बिगोर के जंगल में इस इलाके को बीगोर कहा जाता था बीकानेर राज्य और भटनेर (आज के हनुमानगढ़) की सीमा पर ये स्थान था भटनेर के मुस्लिम भाटी राजाओं से युद्ध करने के लिए सूरत सिंह ने किले का निर्माण किया था जब सूरत सिंह भटनेर से युद्ध जीत गया तो उसने इस किले का नाम फतेहगढ़ रख दीया फतेह यानी की जीत का किला और ये बात सन 1805 की है । उसके बाद करीब 200 साल बाद एक खेत मे करनी माता की मूर्ति एक किसान को हल चलाते हुए मिली थी जो बिलकुल देसनोक के मंदिर जेसी मूर्ति है। 

उस मूर्ति को इस पुराने थेहड़ पर स्थापित करदिया गया ग्रामीणों द्वारा। जो की पुराना किला था आज भी वो मूर्ति इस मंदिर में है। और ये मूर्ति यहां आने का एक मात्र कारण ये की बीकानेर के महाराजा सूरत सिंह जब भटनेर से युद्ध करने आए थे तब अपने साथ लेकर आए होंगे। क्योंकि करणी माता बीकानेर के राजाओं की कुलदेवी है। ये हैं इस मंदिर का सच्चा इतिहास। Hitesh Parihar

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